तत्काल लोन देने वाले एप्स ने लोगों का किया जीना हराम: रिपोर्ट

क्या है पूरा मामला?

बीते दो सालों में भारत में 14 फीसदी लोग इंस्टैंट लोन एप का का शिकार हुए हैं. ये ये तत्काल लोन देने वाले एप ग्राहकों से भारी भरकम ब्याज वसूलते हैं. इस बात की सच्चाई तब सामने आई जब लोकल सर्किल एप ने एक सर्वे किया. इस सर्वे में देश के लगभग 58 फीसदी लोगों से तत्काल लोन देने वाले एप के बारे में बात की गई तो लोगों ने कहा कि ये एप लोगों से 25 फीसदी से भी अधिक ब्याज दर की वसूली करते हैं. सर्वे में शामिल 54 फीसदी लोगों ने यह भी बताया कि उन्हें या उनके परिवार वालों के साथ ब्याज वसूली में जबरदस्ती की गई है. लोगों ने यह भी बताया कि उन्होंने एक साल पहले लोन का भुगतान कर दिया है फिर भी अभी तक वसूली के लिए फोन आते हैं.

कैसे लगी लोगों की व्यक्तिगत जानकारी में लगाई सेंध!

वहीं दूसरी ओर लोन लेने वाले लोगों की व्यक्तिगत जानकारी मसलन आधार कार्ड, पैन कार्ड नंबर को किसी थर्ड पार्टी एप से साझा कर दिया गया है. साथ ही लोगों ने यह भी बताया कि उनके लोन  भुगतान करने के लिए फोन उनके माता पिता को किया जाता. लोकल सर्किल ने इस सर्वे को भारत के 409 जिलों में किया है जिसमें 68 फीसदी पुरुष और 32 फीसदी महिलाएं शामिल हुई थी. तत्काल लोन देने वाले एप्स के धोखाधड़ी के मामलों की शिकायत की अनेक रिपोर्ट्स पहले भी आ चुकी हैं. अभी हाल ही में महाराष्ट्र पुलिस ने गूगल प्लेस्टोर को चिट्ठी लिखा थी कि 69 इंस्टैंट लोन एप्स को हटाया जाए. क्योंकि पुलिस के पास ऐसे धोखाधड़ी के रोज सैकड़ों शिकायतें मिलती रही हैं.

रिजर्व बैंक ने इस मसले पर क्या कहा था?

अभी पिछले महीने ही रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोगों को गैर-पंजीकृत डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स के बारे में आगाह किया था और कहा था कि यदि किसी भी व्यक्ति के साथ यदि धोखाधड़ी होती है तो इसकी शिकायत तुरंत दर्ज कराएं. साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि यदि कोई ऐसा संस्थान जो तत्काल लोन की सुविधा देता है आरबीआई में उसका पंजीकरण है और वह लोन संबधी कोई धोखाधड़ी करता है तो आरबीआई उस पर सख्त कार्यवाई करेगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि हम इस पर जल्द ही एक गाइडलाईन लेकर आयेंगे.

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रोहित 'रिक्की'

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