ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले छोटे कारोबारियों को अनिवार्य पंजीकरण से छूट

जीएसटी कॉउन्सिल की मीटिंग में बुधवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये, जिसमें प्रमुख रूप से वे छोटे कारोबारी जो अपने प्रोडक्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचते हैं, उनके लिये पंजीकरण की आवश्यकता को अब जीएसटी कॉउन्सिल ने समाप्त करने का निर्णय लिया है.

इसके साथ ही अब कम्पोजीशन डीलर्स को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पूरे राज्य के भीतर वस्तुओं और सेवाओं को बेचने की अनुमति दे दी गई है. लेकिन ऐसे डीलरों को उन वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति नहीं करने को कहा गया है, जो जीएसटी के दायरे में नहीं हैं.

आपको बता दें कि कंपोजिशन डीलर में ऐसे कारोबारी को शामिल किया जाता है. जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए या इससे कम है, वहीं कुछ विशेष कैटेगरी वाले राज्यों के ऐसे कारोबारी, जिनका सालाना टर्नओवर 75 लाख रुपए या इससे कम है. वहीं सेवा क्षेत्र में काम कर रहे ऐसे कारोबारी जिनका सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपए से कम है. इन कंपोजिशन डीलर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के साथ एक निर्धारित दर पर जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है.

GST परिषद ये कदम छोटे कारोबारियों के लिए काफी लाभदायक साबित होंगे. साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार के कारोबारियों के लिए एक समान अवसर प्रदान करेंगे. GST परिषद के इन परिवर्तनों को जनवरी 2023 से लागू किया जायेगा.

GST कॉउन्सिल से सम्बंधित अधिकारियों का कहना है कि इस निर्णय से करीब 1 लाख से अधिक छोटे कारोबारियों को फायदा मिलेगा. वर्तमान में, ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (ECO) का उपयोग करने वाले कारोबारियों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होता था. भले ही उनका वस्तुओं का कुल वार्षिक कारोबार 40 लाख रुपये और सेवाओं का कारोबार 20 लाख रुपये की सीमा से कम हो. पूर्वोत्तर सहित चुनिंदा राज्यों में यह सीमा 20 लाख रुपये और 10 लाख रुपये है. जबकि इतने ही रुपये का ऑफ़लाइन कारोबार करने वाले विक्रेताओं को वस्तुओं की आपूर्ति के लिए पंजीकरण से छूट दी गई थी.

गवर्नमेंट ऑफिशल्स के मुताबिक, अब इस सीमा से कम टर्नओवर वाले छोटे व्यवसायों को अनिवार्य पंजीकरण करवाने की आवश्यकता नहीं होगी. लेकिन इस छूट के साथ कुछ शर्तें जोड़ी गई हैं जिसमे सबसे पहले, ऐसे व्यवसायियों को अपना स्थायी खाता संख्या (PAN) और कारोबार की मुख्य जगहों के बारे में बताना होगा. साथ ही, गैर-पंजीकृत कारोबारियों को केवल एक राज्य में अपना कारोबार का मुख्य स्थान बताना होगा.

साथ ही ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म को इस बात का ध्यान रखना होगा कि गैर पंजीकृत कारोबारी दूसरे राज्यों में अपने सामान न बेंचे अर्थात गैर पंजीकृत कारोबारी केवल अपने राज्य ही व्यापार कर सकते हैं. अगर गैर पंजीकृत कारोबारी दूसरे राज्यों से कारोबार कर रहे हैं और ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म उन्हें ऐसा करने से नही रोकते हैं तो उन पर दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी.

गवर्नमेंट ऑफिशियल्स के अनुसार इन प्रावधानों का उद्देश्य ऑनलाइन और ऑफलाइन विक्रेताओं के लिए एक स्तर का क्षेत्र निर्धारित करना है. जिससे सूक्ष्म और छोटे व्यवसायों, कारीगरों और घरों से काम करने वाली महिला उद्यमियों को कारोबार करने में सुविधा होगी. साथ इन प्रावधानों से गैर पंजीकृत कारोबारियों जो टैक्स देने बचते उन पर भी नजर रखी जा सकेगी. इसके अलावा GST कॉउन्सिल ने विभिन्न प्रकार के टैक्स को लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये हैं.

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रोहित 'रिक्की'

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